मैकाले, कोई काला हो या ना हो लेकिन कहना पड़ता है मैकाले, मैं तो ऐसे ठहरा, मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं, लेकिन कुछ लोगों को होती है, कि मै_काले कैसे और क्यों? लेकिन उन्हें कैसे बताऊं, की मैकाले गोरा था और कुवांरा भी था, इसी के चक्कर में 2013 में लखनऊ के एक बड़े स्कूल नें मैकाले की आत्मा बुला ली, फिर क्या बड़ी फजीहत हुई। इन्हें लार्ड मैकाले भी कहते हैं, (इन्हें भारत में कुछ लोग गाली भी देते है) 1834-35 में संस्कृत-फारसी को निपटाकर आई लव यू समेत अंग्रेजी भाषा के भारत में देनकर्ता ने, 4 साल में ऐसा बीज बोया, जिसका फल आप भी चख रहे हैं। लेकिन फिर उन्हें कैसे बताऊं, मै-काले गोरा, छरछरा कुवांरा, ब्रिटिश नौजवान था.
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