इंडोनेशिया में स्थित कमोडो आइलैंड अब आप नहीं देख पाएंगे। इसकी आधिकारिक तौर पर जानकारी दी गई है, की अब जनवरी 2020 से यह बंद किया जायेग। वही सरकार ने बताया की छिपकलियों की इस विशालकाय प्रजाति को विलुप्ति की कगार से बाहर निकालने के लिए इंडोनेशिया सरकार इस द्वीप पर बसे गांव के लोगों को भी यहां से हटाकर दूसरी जगह बसाने की तैयारी चल रही है।
आपको बता दे की कमोडो द्वीप पर जहरीले ड्रैगन होने के बाद भी यहां एक गांव बसा है, जिसके लोग बिना किसी डर के यहां रहते हैं। इनका मानना है कि कमोडो ड्रैगन्स के साथ इनका आध्यात्मिक रिश्ता है। उनके अनुसार एक ड्रैगन राजकुमारी थी, जिसने एक ड्रैगन और एक बच्चे को जन्म दिया। इस कारण ड्रैगन से इनका रिश्ता है। वही इस समय करीब 1700 विशालकाय छिपकलियां हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में शिकार और बहुत अधिक पर्यटन के कारण इनकी संख्या में कमी आई है।
जानकारी के मुताबिक, फिलहाल कमोडो द्वीप पर सैलानियों की आवाजाही 12 महीने के लिए बंद की जाएगी। कमोडो द्वीप और इससे लगा हुआ नैशनल पार्क घूमने पिछले कुछ साल में बड़ी संख्या में टूरिस्ट पहुंचे हैं। साल 2018 में कमोडो की सैर के लिए 1 लाख 76 हजार सैलानी लोग पहुंचे थे। वही लोगो की माने तो इस तरह आनेवाले समय में यह प्रीमियम टूरिस्ट प्लेस बन सकेगा क्योकि अब मोटी रकम वाले ही आ सकेगे।
आपको बता दे की कमोडो द्वीप पर जहरीले ड्रैगन होने के बाद भी यहां एक गांव बसा है, जिसके लोग बिना किसी डर के यहां रहते हैं। इनका मानना है कि कमोडो ड्रैगन्स के साथ इनका आध्यात्मिक रिश्ता है। उनके अनुसार एक ड्रैगन राजकुमारी थी, जिसने एक ड्रैगन और एक बच्चे को जन्म दिया। इस कारण ड्रैगन से इनका रिश्ता है। वही इस समय करीब 1700 विशालकाय छिपकलियां हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में शिकार और बहुत अधिक पर्यटन के कारण इनकी संख्या में कमी आई है।
जानकारी के मुताबिक, फिलहाल कमोडो द्वीप पर सैलानियों की आवाजाही 12 महीने के लिए बंद की जाएगी। कमोडो द्वीप और इससे लगा हुआ नैशनल पार्क घूमने पिछले कुछ साल में बड़ी संख्या में टूरिस्ट पहुंचे हैं। साल 2018 में कमोडो की सैर के लिए 1 लाख 76 हजार सैलानी लोग पहुंचे थे। वही लोगो की माने तो इस तरह आनेवाले समय में यह प्रीमियम टूरिस्ट प्लेस बन सकेगा क्योकि अब मोटी रकम वाले ही आ सकेगे।
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