अभिनेता राजकुमार की तिरंगा फिल्म किसने देखी नहीं होगी..

अभिनेता राजकुमार की तिरंगा फिल्म किसने नहीं देखी होगी. हमारी पीढ़ी के लोगों ने तो जरूर देखा होगा. मैंने जब देखी थी तब से एक्टर राजकुमार का फैन हो गया था; उनकी अदाकारी का कायल हो गया था। आज उनकी पुण्यतिथि है; विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं..

पूरा नाम कुलभूषण पंडित उर्फ राजकुमार था. आप पाकिस्तान के बलूचिस्तान इलाके में पैदा हुए. पढ़ाई-लिखाई करके इंस्पेक्टर की नौकरी करने लगे परंतु एक सिपाही के उद्बोधन से उन्होंने सिनेमा की ओर अपना रुख कर दिया और मुंबई में ही फिल्मों में काम ढूंढने लगे. 

साल पचास, साठ के दशक में उन्होंने अपनी पहली मूवी रंगीली में छोटा सा अभिनय किया. इसके बाद फिर सिलसिला जो चल गया वह रुका ही नहीं; रुका भी तो मन से.


शाही बाजार फिल्म की असफलता के बावजूद अनमोल सहारा,अवसर,घमंड,नीलमणि और कृष्ण सुदामा फिल्में की.  लेकिन बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा नहीं पाए. परंतु लगे रहे; डटे रहे; हार ना मानने का जैसा स्वभाव रखते थे.

इसी का परिणाम हुआ कि मदर इंडिया फिल्म में उन्होंने धमाल मचा दिया. हालांकि यह पूरी फिल्म अभिनेत्री नरगिस पर केंद्रित थी. लेकिन अभिनेता राजकुमार को इससे अंतरराष्ट्रीय ख्यात मिली. मदर इंडिया में उन्होंने दमदार अभिनय कर लोगों का भी दिल जीत लिया. 

साल 1960 के दशक के अंत में पैगाम फिल्म करके; उस समय सिनेमा के सम्राट माने जाने वाले दिलीप कुमार को भी जबरदस्त टक्कर दे दी. पैगाम का भी लोगों ने दिल खोलकर स्वागत किया. उनके अभिनय की सराहना अब चारों ओर होने लगी.


फिर धीरे-धीरे समय बीतता गया और राजकुमार एक बड़े अभिनेता के रूप में उभरने लगे. साल 1991 मे प्रदर्शित फिल्म ..सौदागर .. में राजकुमार ने अभिनय में नए आयाम जोड़ दिया.  

तिरंगा .पुलिस और मुजिरम, इंसानियत के देवता, बेताज बादशाह, जवाब, गाड और गन जैसी फिल्में कर उन्होंने हम लोगों की युवा पीढ़ी समुदाय में सामाजिकता लाने का प्रयास किया.

अभिनेता राजकुमार अपने अंतिम समय को शायद जानते थे. इसीलिए उन्होंने मरने से पहले अपने बेटे को बुलाकर समझाया कि मेरे मरने के बाद इसकी सूचना सिर्फ मेरे एक मित्र को होनी चाहिए.

और जब मेरा अंतिम संस्कार हो जाए तो सिनेमा जगत को पता चलना चाहिए। यही हुआ भी। ठीक आज से 24 साल पहले सिनेमा का यह सितारा चला गया. आज उनकी पुण्यतिथि है.. विन्रम श्रद्धांजलि..नमन..

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