दुनियादारी: मलेशिया में अनिवार्य मृत्युदंड होगा खत्म, अब वैकल्पिक सजा पर जोर


नई दिल्ली, 10 जून: 
दक्षिण पूर्व एशिया के अधिकांश देशों में मौत की सजा अक्सर अपराधों में हत्या, मादक पदार्थों की तस्करी, आतंकवाद, अपहरण और आग्नेयास्त्र का इस्तेमाल करने वालों को दी जाती है। लेकिन अब वैकल्पिक सजा पर विचार किया जा रहा है, जो नैतिक रूप से उचित भी हैं। 
 
इसी को लेकर मलेशिया की सरकार ने मौत की सजा को खत्म करने और न्यायाधीशों को अलग-अलग अपराध के हिसाब से वैकल्पिक सजा सुनाने की अनुमति देने पर अपनी सहमति व्यक्ति की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 8 जून को मलेशियाई सरकार इस निष्कर्ष पर वैकल्पिक सजा के अध्ययन पर एक रिपोर्ट की प्रस्तुति के बाद पहुंची है। प्रधानमंत्री विभाग में कानून मंत्री वान जुनादी तुंकू जाफर ने कहा कि अदालत के विवेक पर मृत्युदंड को अन्य प्रकार की सजा में बदल दिया जाएगा। 

पहले मलेशिया में 11 अपराधों में मौत की सजा दी जाती है, लेकिन अब अपराधियों को अन्य सजाएं दी जाएगी। हालांकि कानून में संशोधन होना बाकी है, फिर उसे संसद से पारित करना होगा। मानवाधिकार समूहों और आम जनता का एक बड़ा वर्ग काफी समय से मृत्युदंड समाप्त करने की मांग कर रहे थे। इससे उनको खुशी मिली है। और वे खुले दिल से इस फैसले का स्वागत कर रहे है। मलेशिया में यह नियम ब्रिटिश औपनिवेशिक काल की विरासत थी। 

एक नजर दुनिया पर
भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, चीन और अरब देशों के साथ दुनिया के उन चुनिंदा 52 देशों में शामिल है, जिन्होंने मृत्युदंड के प्रावधान को समाप्त नहीं किया है। वहीं संयुक्त राष्ट्र में शामिल 192 देशों में से 140 ने अपने यहां से मृत्युदंड का प्रावधान हटा लिया है। यूरोपीय संघ ने तो सदस्यता लेने के लिए मौत की सजा का प्रावधान न हो देश में, ऐसी अनिवार्य शर्त बना दी है। 

मृत्युदंड देने के तरीके
अफ़ग़ानिस्तान और सूडान में फ़ायरिंग, फांसी, पथराव तथा बांग्लादेश, केमरून, सीरिया, युगांडा, कुवैत, ईरान, मिस्र में फ़ायरिंग और फांसी के जरिए मौत की सजा दी जाती है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि केवल फांसी भारत, मलेशिया, बारबाडोस, बोत्सवाना, तंजानिया, जाम्बिया, जिंबाब्वे, दक्षिण कोरिया में दी जाती है। वही चीन में मौत की सजा इंजेक्शन और फ़ायरिंग के जरिए होती है। अमेरिका कई तरीकों का उपयोग करता है, जैसे इलेक्ट्रोक्यूशन, गैस, फांसी, फ़ायरिंग आदि। 


- विकास धर 

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