घुमक्कड़ी: नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट

नई दिल्ली, 11 जून:  
जयपुर हाउस, में स्थित राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय (एनजीएमए) के गेट पर प्रवेश करते ही मुझे महात्मा गांधी जी एक बात याद आ गई। उन्होंने कला के पैमाने के संदर्भ में एक सवाल किया था, कि "किसी कलाकृति को समझने के लिए मुझे किसी कलाकार की ज़रूरत नहीं होनी चाहिए। वह स्वयं क्यों नहीं मुझसे संवाद कर सकती है?"

दुनिया के सबसे बड़े आधुनिक संग्रहालयों में से एक एनजीएमए की स्थापना 1850 के दशक के बाद के आधुनिक कला के कार्यों को प्राप्त करना और संरक्षित करने के उद्देश्य से हुई थी। इसके अलावा यह समय-समय पर देश और विदेश भर में कला प्रदर्शनी का भी आयोजन करता रहा है। कला इतिहास, कला आलोचना, कला समीक्षा जैसे विषयों पर व्याख्यान, सेमिनार और सम्मेलन भी होता रहता है।


विलियम होजेस द्वारा बनाई गई ताजमहल की पेंटिंग

इतिहास
एक राष्ट्रीय आर्ट गैलरी का विचार पहली बार 1949 में रखा गया था। इसे तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और मौलाना आज़ाद, हुमायूँ कबीर जैसे कला प्रेमी लोगों ने पोषित किया। 29 मार्च, 1954 को तत्कालीन उपराष्ट्रपति डॉ. एस राधाकृष्णन ने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और देश के गणमान्य कलाकारों तथा कला प्रेमियों की उपस्थिति में औपचारिक रूप से एनजीएमए का उद्घाटन किया।

सुबोध गुप्ता द्वारा बनाया गया बर्तनों के साथ स्टील का पेड़

क्यों है खास?
एमजीएमए की गैलरी 12,000 वर्ग मीटर में फैली हुई है। यहां लगभग 2000 से अधिक कलाकारों द्वारा निर्मित 1700 से अधिक कार्यों का विशाल संग्रह है। यहां कुछ संरक्षित सबसे पुरानी कलाकृतियां भी उपलब्ध है, जो 1857 की है/ संग्रह में पेंटिंग, ड्राइंग, मूर्तियां, प्रिंट, फोटो और इंस्टॉलेशन शामिल है। पेंटिग, मूर्तिकला और फोटोग्राफी यहां सबसे अधिक लोकप्रिय मानी जाती है। 

एक पेंटिग 

पेंटिग कलाकारों में थामस डेनियल, टिल्ली कैटल, मार्शल  कलैक्शन, एफ. डब्ल्यू ए जीमैन, हेरिस बर्ट, रवींद्रनाथ टैगोर, जहांगीर सबावाला, के.के हैब्बर, ज्योति स्वरूप, कृष्ण कंवल, सतीस गुजराल, के. एस. कुलकर्णी, अविनाश चंद्र, प्राणनाथ मागो, नंदलाल बोस, अमरनाथ सहगल आदि जैसे चर्चित शख्स की कलाकृतियां यहां हैं। जिनमें मुझे अमृता शेरगिल और कृष्णा देवयानी की तैलीय पेंटिंग बहुत ही अच्छी लगी। 

मूर्तिकला में एनजीएमए में डीपी रॉय चौधरी , चिंतामोनी कर और रामकिंकर बैज जैसे प्रसिद्ध मूर्तिकारों द्वारा बनाई गई आधुनिक मूर्तियों का संग्रह है। वहीं डी.पी. रॉय चौधरी, रामकिंकर बैज, प्रदोष दास गुप्ता, शंकु चौधरी, मीरा मुखर्जी , अमरनाथ सहगल ,पीलू पोच खानवाला, ए. डेवियर वाला, महेंद्र पंड्या के साथ देश के प्रमुख मूर्तिकारों के कार्यों का एक समृद्ध और विविध संग्रह है।
एक मूर्ति
क्यों जाएँ? 
अगर आप वास्तव में खुद को जानना चाहते है? तो सोमवार को छोड़कर कभी भी जा सकते है। पास में प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन है। सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है। भारतीय के लिए टिकट 20 रुपए और विदेशी नागरिक के लिए 500 रुपए लगते है। 2 से 3 घंटे समय जरूर दें, जिससे आप कला के कला को समझ सकें। 

- विकास धर

टिप्पणियाँ

Vikahdhardrivedi ने कहा…
बहुत सुंदर👌👌... धन्यवाद आपका🌺🌺