एंथ्रोपोसीन मतलब मानव युग, क्या पृथ्वी बनेगी नर्क?


नई दिल्ली, 09 जून: 
एंथ्रोपोसीन एक प्रस्तावित युग का नाम है। जिसमें मानव के कार्यकलापों के कारण पृथ्वी पर क्या प्रभाव पड़े है और उसका महत्व क्या है? इसको संदर्भित किया जाता हैं। बढ़ते प्राकृतिक आपदाओं के चलते हमारी धरती पर अब कई तरह के खतरों का साया मंडरा रहा है। तापमान बढ़ने से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इससे मानव का पृथ्वी पर जीना दुर्भर हो जायेगा। 

एंथ्रोपोसीन के शाब्दिक अर्थों में जाये तो ग्रीक शब्द एंथ्रोपोस (anthropos) का अर्थ है 'इंसान' और kainos का अर्थ है 'हाल ही में या नया'। मतलब मानव द्वारा मानव के लिए निर्मित एक नया युग। यह मानव और प्रकृति के बीच इससे पनपे अलगाव को भी प्रदर्शित करता है। वहीं इसका दूसरा पहलू यह है कि मनुष्य इतना शक्तिशाली हो गया है कि प्रकृति में वह कहीं भी, कुछ भी छेड़छाड़ कर सकता है। यहीं वह शक्ति है जो धरती को नर्क बना सकती है। 

एंथ्रोपोसीन युग की अवधारणा की परिकल्पना का श्रेय नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रसायनविद पॉल क्रत्जेन और समुद्र विज्ञानी यूजीन स्टोर्मर को दिया जाता है। साल 2000 में ‘एंथ्रोपोसीन’ शीर्षक से एक लेख लिखा गया, जो ‘इंटरनेशनल जियोस्फीयर-बायोस्फीयर प्रोग्राम’ की पत्रिका में छपा था। इसके दो वर्ष बाद पॉल क्रत्जेन ने विज्ञान की प्रतिष्ठित पत्रिका ‘नेचर’ में छपे अपने लेख ‘जियोलॉजी ऑफ मैनकाइंड’ में भी ‘एंथ्रोपोसीन’ युग की संकल्पना और मानव गतिविधियों से आते भूवैज्ञानिक परिवर्तनों के बारे में विस्तार से लिखा। 

हमने अपने वायुमंडल का पूरी तरीके से कार्बनीकरण कर दिया है। इससे एक नए एंथ्रोपोसीन युग की शुरुआत हो रही है। यह नया युग दोनों ही इंसान और पृथ्वी के लिए बेहद ही नया है, इससे पृथ्वी के वायुमंडल पर काफी गहरा प्रभाव भी पड़ेगा। धरती के जलवायु में यह एक फेज ट्रैनजिशन का काम करने वाला हैं। इसके चलते पृथ्वी पर नए सीज़न/ ऋतुओं के आने की संभावना है।  

ऐसी स्थित में धरती पर कुछ समय के लिए जलवायु प्रतिकूल हो जाएंगे। तब यहां पर मानव का जिंदा रहना और खुद व खुद चुनौतियों से लड़ना मुश्किल हो जायेगा। वैसे कुछ समय बाद ऐसा भी आएगा कि, जहां बिलकुल शांति बनी रहने की उम्मीद है लेकिन एक बात तो तय है कि पृथ्वी का औसतन तापमान काफी कम समय में काफी ठंडा से काफी गरम हो रहा है। कुल मिलाकर कहा जाएं तो, एंथ्रोपोसीन युग मानव जाति के लिए दोधारी तलवार हैं।

- विकास धर

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